Aaj Chand Kab Niklega,आज, 17 जनवरी 2025 को, सकट चौथ का पावन पर्व मनाया जा रहा है। इस दिन व्रती महिलाएं दिनभर उपवास रखती हैं और रात्रि में चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत का पारण करती हैं। चंद्रमा के उदय का समय प्रत्येक शहर में भौगोलिक स्थिति के अनुसार भिन्न-भिन्न होता है। नीचे प्रमुख शहरों में चंद्रमा के उदय का समय प्रस्तुत है:

उत्तर प्रदेश:
- लखनऊ: रात 8:55 बजे
- कानपुर: रात 8:57 बजे
- प्रयागराज: रात 8:52 बजे
- वाराणसी: रात 8:47 बजे
- आगरा: रात 9:05 बजे
- मथुरा: रात 9:08 बजे
- मेरठ: रात 9:06 बजे
- गोरखपुर: रात 9:05 बजे
- अलीगढ़: रात 9:06 बजे
- अयोध्या: रात 8:49 बजे
- झांसी: रात 9:05 बजे
- गाजियाबाद: रात 9:08 बजे
- नोएडा: रात 9:08 बजे
- नई दिल्ली: रात 9:09 बजे
- गुरुग्राम: रात 9:00 बजे
- फरीदाबाद: रात 9:08 बजे
मध्य प्रदेश:
- भोपाल: रात 9:12 बजे
- इंदौर: रात 9:19 बजे
- ग्वालियर: रात 9:07 बजे
- जबलपुर: रात 9:01 बजे
- उज्जैन: रात 9:19 बजे
बिहार:
- पटना: रात 8:44 बजे
महाराष्ट्र:
- मुंबई: रात 9:34 बजे
गुजरात:
- अहमदाबाद: रात 9:32 बजे
पंजाब:
- अमृतसर: रात 9:16 बजे
अरुणाचल प्रदेश:
- ईटानगर: रात 8:02 बजे
कृपया ध्यान दें कि चंद्रमा के उदय का समय स्थान के अनुसार कुछ मिनटों का अंतर हो सकता है। सकट चौथ के व्रत में चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही व्रत का पारण किया जाता है, इसलिए अपने शहर के अनुसार चंद्रमा के उदय के समय को ध्यान में रखते हुए पूजा संपन्न करें।
सकट चौथ व्रत की पूजा विधि:
- स्नान: प्रातःकाल स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- संकल्प: व्रत का संकल्प लें और दिनभर निराहार रहें।
- पूजा की तैयारी: सायंकाल में पूजा स्थल को स्वच्छ करके भगवान गणेश की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
- सामग्री: पूजा के लिए दूर्वा, फूल, शमी पत्र, चंदन, तिल से बने लड्डू, दीपक, रोली, कलावा, मिठाई, जल आदि एकत्रित करें।
- पूजा विधि: भगवान गणेश को दूर्वा, फूल, शमी पत्र अर्पित करें। चंदन से तिलक करें और तिल के लड्डू का भोग लगाएं। दीपक जलाएं और “ॐ गं गणपतये नमः” मंत्र का जाप करें।
- चंद्रमा को अर्घ्य: रात्रि में चंद्रमा के उदय होने पर जल में दूध और तिल मिलाकर अर्घ्य दें। चंद्रमा को तिलक लगाएं और मिठाई का भोग लगाएं।
- व्रत पारण: चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद व्रत का पारण करें और प्रसाद ग्रहण करें।
सकट चौथ व्रत मुख्यतः संतान की लंबी आयु, सुख-समृद्धि और स्वास्थ्य के लिए किया जाता है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा विशेष फलदायी मानी जाती है। व्रती महिलाएं अपने बच्चों की खुशहाली और उन्नति के लिए इस व्रत को करती हैं।