Join Whatsapp

Kumbh Mela 2025: 144 साल बाद ‘शाही स्नान’, 1.5 करोड़ श्रद्धालुओं की भीड़, जानिए क्यों है इतना खास

Kumbh Mela 2025: 144 साल बाद 'शाही स्नान', 1.5 करोड़ श्रद्धालुओं की भीड़, जानिए क्यों है इतना खास

प्रयागराज: विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन, Kumbh Mela 2025, सोमवार को पौष पूर्णिमा के पावन अवसर पर प्रारंभ हुआ। इस ऐतिहासिक आयोजन के पहले दिन ही लगभग 1.5 करोड़ (15 मिलियन) श्रद्धालुओं ने संगम में पवित्र डुबकी लगाई, जहां गंगा, यमुना और पौराणिक सरस्वती नदियों का संगम होता है। आयोजन स्थल पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।

‘शाही स्नान’ से हुई महाकुंभ की शुरुआत

महाकुंभ की शुरुआत ‘शाही स्नान’ के साथ हुई। पौष पूर्णिमा पर यह दुर्लभ खगोलीय घटना 144 वर्षों में एक बार होती है। श्रद्धालु त्रिवेणी संगम पर उमड़ पड़े और इस पवित्र स्नान के भागीदार बने।

महाकुंभ 2025 का समापन 26 फरवरी को होगा, जिसमें प्रमुख स्नान तिथियां हैं:

  • 14 जनवरी: मकर संक्रांति
  • 29 जनवरी: मौनी अमावस्या
  • 3 फरवरी: बसंत पंचमी

सीएम योगी ने बताया ‘संस्कृतियों का संगम’

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ के शुभारंभ पर बधाई दी और इसे “संस्कृतियों का संगम और एकता में विविधता का संदेश” बताया।
उन्होंने कहा, “पौष पूर्णिमा के इस पावन अवसर पर महाकुंभ 2025 की शुरुआत हो रही है। यह विश्व का सबसे बड़ा आध्यात्मिक और सांस्कृतिक आयोजन है।”

सुबह के शुरुआती घंटों में ही लगभग 40 लाख श्रद्धालुओं ने संगम में डुबकी लगाई।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा ‘भारतीय संस्कृति का प्रतीक’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाकुंभ की शुरुआत को भारतीय मूल्यों और संस्कृति से प्रेम करने वालों के लिए “बहुत खास दिन” बताया।
उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा,
“आज का दिन करोड़ों लोगों के लिए बहुत खास है, जो भारतीय मूल्यों और संस्कृति को संजोते हैं। प्रयागराज में महाकुंभ 2025 का शुभारंभ हो गया है। यह आयोजन भारत की कालजयी आध्यात्मिक विरासत को दर्शाता है और आस्था एवं सद्भाव का उत्सव है।”

सुरक्षा के सख्त इंतजाम

श्रद्धालुओं की भारी संख्या को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं। कुंभ क्षेत्र में हजारों पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है, ड्रोन से निगरानी की जा रही है और यातायात व्यवस्था को भी सुचारू रूप से चलाने के लिए विशेष प्रबंध किए गए हैं।

धार्मिकता और भारतीयता का उत्सव

महाकुंभ केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह भारतीयता, संस्कृति और एकता का जीवंत उत्सव है। विभिन्न क्षेत्रों, भाषाओं और संस्कृतियों से आए लाखों लोग यहां एकत्र होते हैं, जिससे यह आयोजन “विविधता में एकता” का प्रतीक बन जाता है।

महाकुंभ की प्रमुख स्नान तिथियां

महाकुंभ में इन महत्वपूर्ण तिथियों पर भारी संख्या में श्रद्धालुओं के जुटने की संभावना है:

  1. मकर संक्रांति (14 जनवरी): सूर्य के मकर राशि में प्रवेश का पर्व।
  2. मौनी अमावस्या (29 जनवरी): मौन रहकर ध्यान और स्नान का दिन।
  3. बसंत पंचमी (3 फरवरी): विद्या और ज्ञान की देवी सरस्वती का पर्व।

समाप्ति का दिन

महाकुंभ 2025 का समापन 26 फरवरी को होगा, जब आस्था और श्रद्धा की यह अद्भुत यात्रा अपने अंतिम चरण में पहुंचेगी।

Kumbh Mela 2025

महाकुंभ 2025 न केवल एक धार्मिक आयोजन है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति, आस्था और विविधता का उत्सव भी है। संगम तट पर उमड़े करोड़ों श्रद्धालु इस आयोजन को ऐतिहासिक बना रहे हैं।

FAQs: कुंभ मेला 2025

Q1: 2025 में कुंभ का मेला कब लगेगा?
A1: कुंभ मेला 2025 की शुरुआत 14 जनवरी 2025 (मकर संक्रांति) से होगी और यह 26 अप्रैल 2025 तक चलेगा।

Q2: महाकुंभ 2025 के लिए पंजीकरण कैसे करें?
A2: महाकुंभ 2025 के लिए पंजीकरण आप आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर कर सकते हैं। पंजीकरण प्रक्रिया में आपका नाम, पहचान पत्र, यात्रा की तारीखें और ठहरने की जानकारी दर्ज करनी होगी।

Q3: 12 साल वाला कुंभ मेला कब लगेगा?
A3: 12 साल वाला कुंभ मेला 2025 में प्रयागराज (इलाहाबाद) में आयोजित होगा। हर 12 साल में यह आयोजन चार तीर्थ स्थलों (प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक) में से एक पर होता है।

Q4: अगला महाकुंभ कब और कहां होगा?
A4: अगला महाकुंभ 2025 में प्रयागराज में होगा। इसके बाद 12 साल के चक्र के अनुसार 2037 में हरिद्वार में अगला महाकुंभ आयोजित किया जाएगा।

Q5: महाकुंभ में स्नान के लिए सबसे शुभ दिन कौन से हैं?
A5: महाकुंभ 2025 में स्नान के लिए शुभ दिन हैं:

  • 14 जनवरी: मकर संक्रांति
  • 29 जनवरी: पौष पूर्णिमा
  • 9 फरवरी: माघ अमावस्या
  • 19 फरवरी: बसंत पंचमी
  • 8 मार्च: माघी पूर्णिमा
  • 29 मार्च: रामनवमी
  • 14 अप्रैल: बैसाखी
  • 26 अप्रैल: छठवां शाही स्नान

Q6: महाकुंभ में ठहरने की व्यवस्था कैसे करें?
A6: महाकुंभ 2025 में ठहरने के लिए सरकारी कैंप, प्राइवेट टेंट सिटी, धर्मशालाएं और होटल उपलब्ध हैं। बुकिंग पहले से ऑनलाइन की जा सकती है।

Q7: महाकुंभ के दौरान कौन-कौन सी ट्रेन और बस सेवाएं उपलब्ध होंगी?
A7: कुंभ मेले के लिए भारतीय रेलवे और राज्य परिवहन विभाग विशेष ट्रेनें और बसें चलाएंगे। मेले के दौरान सभी प्रमुख शहरों से प्रयागराज तक अतिरिक्त सेवाएं दी जाएंगी।

Q8: कुंभ मेले का महत्व क्या है?
A8: कुंभ मेला हिंदू धर्म का एक प्रमुख त्योहार है। यह चार पवित्र स्थानों पर हर 12 साल में आयोजित होता है और यहां पवित्र नदियों में स्नान से मोक्ष और पापों से मुक्ति मिलती है।

Q9: कुंभ मेले के दौरान सुरक्षा की व्यवस्था कैसी होती है?
A9: कुंभ मेले के दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए जाते हैं। पुलिस, होमगार्ड्स, एनडीआरएफ और अन्य एजेंसियां मेले को सुरक्षित बनाने के लिए कार्यरत रहती हैं।

Q10: कुंभ मेले में किन-किन चीजों का ध्यान रखना चाहिए?
A10:

  • अपने पहचान पत्र और पंजीकरण की कॉपी साथ रखें।
  • बच्चों और बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखें।
  • प्रशासन द्वारा दिए गए दिशानिर्देशों का पालन करें।
  • भीड़भाड़ वाले स्थानों पर सतर्क रहें।
Scroll to Top